जानते हैं दुनिया की सबसे कीमती चीज़ें क्या हैं ? सच्ची ख़ुशी के आंसू और सच्चे आंसुओं पर मुस्कान।
दर्द कितना खुशनसीब है जिसे पा कर लोग अपनों को याद करते हैं, दौलत कितनी बदनसीब है जिसे पा कर लोग अक्सर अपनों को भूल जाते है !
मुस्कुराने से भी होता है ग़में-दिल बयां, मुझे रोने की आदत हो ये ज़रूरी तो नहीं
मुझ से बदनसीब कौन होगा मेरी कंधे पे सिर रख कर वो रोया भी तो किसी और के लिए !
रिश्तों की डोरी तब कमजोर होती है जब इंसान ग़लतफहमी में पैदा होने वाले सवालों का जवाब खुद ही बना लेता है !
मैं आईना हूँ टूटना मेरी फितरत है, इसलिए पत्थरों से मुझे कोई गिला नहीं।
इतना याद न आया करो, कि रात भर सो न सकें। सुबह को सुर्ख आँखों का सबब पूछते हैं लोग।
उनसे कहना की क़िस्मत पे ईतना नाज ना करे, हमने बारिश में भी जलते हुए मकान देखें हैं !
लोग कहते हैं जब कोई अपना दूर चला जाता है तो बड़ी तकलीफ होती है, पर ज्यादा तकलीफ तो तब होती है जब कोई अपना पास होकर भी दूरियाँ बना ले !
कितने सालों के इंतज़ार का सफर खाक हुआ । उसने जब पूछा “कहो कैसे आना हुआ”।
अश्क बहकर भी कम नहीं होते, कम से कम मेरी आँखें तो अमीर हैं।
ऐसा नहीं है कि दुःख बढ़ गए है बल्कि सच्चाई यह है कि लोगों में सहनशीलता कम हो गयी है।
अब ज्यादा मछलियाँ चाहियें तो पानी में तो उतरना ही पड़ेगा !
मेरी किस्मत में तो कुछ यूँ लिखा है, किसी ने वक्त गुज़ारने के लिए अपना बनाया, तो किसी ने अपना बनाकर वक्त गुजार लिया.
मैं क्या जानूँ दर्द की कीमत ? मेरे अपने मुझे मुफ्त में देते हैं !
अवसर की प्रतीक्षा में मत बैठो । आज का अवसर ही सर्वोत्तम है ।
बड़े अजीब से इस दुनिया के मेले हैं, यूँ तो दिखती भीड़ है, पर फिर भी सब अकेले हैं!
किस्मत के लिखे पर कभी ग़म ना कर, तू अभी इतना समझदार नहीं हुआ, कि रब के इरादे समझ सके !
तू मेरी चाहत का एक लफ्ज भी ना पढ़ सका, और मैं तेरे दिये हुए दर्द की किताब पढ़ते पढ़ते ही सोती हूँ।